जुमा, जामी या जामा संभल मस्जिद… इलाहाबाद हाईकोर्ट में नाम पर उठा विवाद

जुमा, जामी या जामा संभल मस्जिद… इलाहाबाद हाईकोर्ट में नाम पर उठा विवाद

Juma, Jami or Jama Sambhal Masjid

Juma, Jami or Jama Sambhal Masjid

प्रयागराज। Juma, Jami or Jama Sambhal Masjid: संभल में कथित मस्जिद के नाम को लेकर भी विवाद की स्थिति है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में प्रबंध समिति जामी मस्जिद संभल की पुनरीक्षण याचिका की सुनवाई के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह ने इस बात पर आपत्ति जताई कि एएसआइ के दस्तावेजों में मस्जिद का नाम जुमा मस्जिद लिखा है।

सेक्रेटरी आफ स्टेट व मस्जिद के मुतवल्ली के बीच वर्ष 1927 में हुए करार में भी जुमा मस्जिद का जिक्र है, जबकि याचिका जामी मस्जिद के नाम दाखिल है। पिछली तिथि 28 फरवरी को सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने याची के वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी से पूछा था कि असली नाम क्या है? तो उन्होंने बताया था कि जामा मस्जिद है। वह संशोधन अर्जी देंगे, किंतु कोई संशोधन अर्जी नहीं आई।

इसलिए यह सवाल अब भी कायम है कि संभल मस्जिद जामा मस्जिद है अथवा जामी मस्जिद या जुमा मस्जिद? यदि गलत नाम से याचिका दायर है और नाम संशोधित नहीं किया गया तो इसी आधार पर याचिका खारिज की जा सकती है।

अगली सुनवाई पर यह मुद्दा फिर उठ सकता है। फिलहाल महाधिवक्ता ने संभल मस्जिद को विवादित मस्जिद ढांचा कहा है। विपक्षी हरिशंकर जैन ने भी ऐसी ही मांग की है।

उन्होंने कहा कि मस्जिद नहीं, विवादित ढांचा कहा जाए। अधीनस्थ अदालत में कथित मस्जिद, मंदिर है या मस्जिद यही विवाद चल रहा है। इस प्रकरण में अगली सुनवाई 10 मार्च को होगी।

संभल जामा मस्जिद सर्वे प्रकरण में अब 28 अप्रैल को सुनवाई

जामा मस्जिद प्रकरण में अब 28 अप्रैल को सुनवाई होगी। बुधवार को मस्जिद कमेटी की ओर से उत्तर पत्र प्रस्तुत किया जाना था। कमेटी के अधिवक्ता शकील वारसी ने बताया कि वह तैयारी के साथ कोर्ट गए थे। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट से स्टे हो चुका है।

ऐसी स्थिति में स्थानीय कोर्ट ने सुनवाई के स्थान पर अगली तारीख दे दी है। 19 नवंबर 2024 को एक पक्ष ने जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा होने पर उसी दिन सर्वे किया गया था।

एडवोकेट कमिश्नर ने शेष सर्वे दूसरे चरण में करने का निर्णय लिया था। 24 नवंबर को दूसरे सर्वे के दौरान भीड़ ने हिंसा कर दी थी। इसमें चार युवक मारे गए।

पथराव व गोली लगने से एक डिप्टी कलक्टर, एसपी, सीओ व अन्य करीब डेढ़ दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे। बीते दिनों जामा मस्जिद कमेटी सर्वे पर आपत्ति करते हुए सुप्रीम कोर्ट चली गई। इस पर शीर्ष अदालत ने सिविल कोर्ट में सुनवाई पर रोक लगा दी है। स्थानीय कोर्ट ने सुनवाई के बजाय तारीख लगा दी है।